भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"होली (हाइकु) / रमा द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(पन्ने को खाली किया)
(वीरबाला (वार्ता) द्वारा किए बदलाव 140423 को पूर्ववत करें)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{KKGlobal}}
 +
{{KKRachna
 +
|रचनाकार=रमा द्विवेदी
 +
|संग्रह=
 +
}}{{KKCatHaiku}}
 +
 +
<poem>   
  
 +
१- हँसी ठिठोली<br>
 +
चितचोर की होली<br>
 +
राधा लजाई ।<br><br>
 +
 +
२- गुलाबी ठंड़<br>
 +
रंगों की बरसात<br>
 +
अंगिया भीगी ।<br><br>
 +
 +
३- प्रेम का रंग<br>
 +
राधा कान्हा मगन<br>
 +
चूनर लाल ।<br><br>
 +
 +
४- उगती धूप<br>
 +
गुनगुनाती धरा <br>
 +
आया वसंत ।<br><br>
 +
 +
५- अमवा डाल<br>
 +
कूकती कोयलिया<br>
 +
प्रिय की प्यास ।<br><br>
 +
 +
६- मन उदास<br>
 +
प्रियतम विदेश<br>
 +
गरजे मेघ ।<br><br>
 +
 +
७- जिया धड़के<br>
 +
घन-घन बरसे<br>
 +
पलकें बंद।<br><br>
 +
 +
८- प्यार की प्यास<br>
 +
दहकता पलाश<br>
 +
बसंत साथ ।<br><br>
 +
 +
९- महुआ फूला<br>
 +
मादक रस- गंध<br>
 +
ॠतु प्यार की।<br><br>
 +
 +
१०- बदरा घिरे<br>
 +
अंग-अंग महका<br>
 +
मोर चहका।<br><br>
 +
</poem>

20:33, 10 मई 2012 का अवतरण

    

१- हँसी ठिठोली

चितचोर की होली

राधा लजाई ।



२- गुलाबी ठंड़

रंगों की बरसात

अंगिया भीगी ।



३- प्रेम का रंग

राधा कान्हा मगन

चूनर लाल ।



४- उगती धूप

गुनगुनाती धरा 

आया वसंत ।



५- अमवा डाल

कूकती कोयलिया

प्रिय की प्यास ।



६- मन उदास

प्रियतम विदेश

गरजे मेघ ।



७- जिया धड़के

घन-घन बरसे

पलकें बंद।



८- प्यार की प्यास

दहकता पलाश

बसंत साथ ।



९- महुआ फूला

मादक रस- गंध

ॠतु प्यार की।



१०- बदरा घिरे

अंग-अंग महका

मोर चहका।