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"तुमसे प्रेम करते हुए-दो / कमलेश्वर साहू" के अवतरणों में अंतर

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13:03, 25 मई 2012 के समय का अवतरण


तुम्हारी सुन्दरता के समान
सुन्दर दुनिया का जो स्वप्न
मेरी आंखों में बदलता है करवट
तुम्हारी आंखों में भी देखना चाहता हूं
तुमसे प्रेम करते हुए
तुमसे प्रेम करते हुए
तुम्हारी सुन्दरता के समान
सुन्दर दुनिया चाहता हूं मैं
चाहता हूं मैं
भोली, नेक, अच्छी, छल रहित,
सादा और समझदार दुनिया
जीवन और खुशियों से भरी हुई
और ऐसी दुनिया को पाने के लिये
गरज कि बनाने के लिये
जहां प्रेम करने की आजादी हो
करना चाहता हूं संघर्ष
मेरे लिये
प्रेम का अर्थ तुमसे तो है
लेकिन ‘तुम’ का मतलब
एक ऐसे साथी से है
जो इस संघर्ष में
हो मेरे साथ
बराबर का भागीदार
जिसके कदम
डगमगाये मत कभी
विचारों और संघर्षो की
जमीन पर चलते हुए !