भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"हवा जो चलती रहती है / अरविन्द कुमार" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अरविन्द कुमार |संग्रह=समांतर कोश / ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=अरविन्द कुमार | |रचनाकार=अरविन्द कुमार | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह= |
}} | }} | ||
12:48, 2 जून 2012 के समय का अवतरण
हवा जो चलती रहती है
आँख से देख नहीं पाते
हवा को मैं ने देखा है
हवा नटखट सी बच्ची है
सदा इठलाती रहती है
सदा बल खाती रहती है
नए नित रूप दिखाती है
हवा को मैं ने देखा है
ग़रीबी जब ठिठुराती है
अमीरी मौज मनाती है
हवा तब सनसन रोती है
हवा तब शोक मनाती है
हवा को मैं ने देखा है
धूल जब ऊपर चढ़ती है
गर्व से सब पर हँसती है
ज़माना हैरत करता है
हवा मन मेँ मुसकाती है
हवा को मैं ने देखा है