"बोधिसत्व" के अवतरणों में अंतर
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+ | मैं उन्हीं आँखों में | ||
+ | अपने को खोजता हूँ | ||
+ | जिनमें कोई भी आकृति | ||
+ | नहीं उभरती | ||
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+ | मैं उन्हीं आवाजों में | ||
+ | चाहता हूँ अपना नाम | ||
+ | जिनमें नहीं रखता मायने | ||
+ | नामों का होना न होना, | ||
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+ | मैं उन्ही का साथ चाहता हूँ | ||
+ | जो भूल जाते हैं | ||
+ | मिलने के ठीक बाद | ||
+ | कि कभी मिले थे किसी से। | ||
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+ | बड़ी अजीब बात है | ||
+ | जहाँ नहीं होता | ||
+ | मैं वहीं सब कुछ पाना चाहता हूँ, |
17:48, 3 अक्टूबर 2007 का अवतरण
बोधिसत्व जन्म: 11 दिसंबर 1968 मूल नाम --अखिलेश कुमार मिश्र जन्म स्थान भदोही के गाँव भिखारी राम पुर,उत्तर प्रदेश (भारत) कृतियाँ - सिर्फ कवि नहीं(1991)हम जो नदियों का संगम हैं(2000) दुख तंत्र(2004)सभी कविता संग्रह चौथा कविता संग्रह हाल-चाल प्रकाशनाधीन विविध भारतभूषण अग्रवाल सम्मान (1999); संस्कृति सम्मान(2000)गिरिजा कुमार माथुर सम्मान(2000)हेमंत स्मृति सम्मान(2001)
चाहता हूँ
बड़ी अजीब बात है
जहाँ नहीं होता
मैं वहीं सब कुछ पाना चाहता हूँ,
वहीं पाना चाहता हूँ मैं अपने सवालों का जवाब जहाँ लोग वर्षों से चुप हैं
चुप हैं कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया चुप हैं कि क्या होगा बोल कर चुप हैं कि वे चुप्पीवादी हैं,
मैं उन्हीं आँखों में अपने को खोजता हूँ जिनमें कोई भी आकृति नहीं उभरती
मैं उन्हीं आवाजों में चाहता हूँ अपना नाम जिनमें नहीं रखता मायने नामों का होना न होना,
मैं उन्ही का साथ चाहता हूँ जो भूल जाते हैं मिलने के ठीक बाद कि कभी मिले थे किसी से।
बड़ी अजीब बात है जहाँ नहीं होता मैं वहीं सब कुछ पाना चाहता हूँ,