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| | चौथा कविता संग्रह हाल-चाल प्रकाशनाधीन | | चौथा कविता संग्रह हाल-चाल प्रकाशनाधीन |
| | विविध भारतभूषण अग्रवाल सम्मान (1999); संस्कृति सम्मान(2000)गिरिजा कुमार माथुर सम्मान(2000)हेमंत स्मृति सम्मान(2001) | | विविध भारतभूषण अग्रवाल सम्मान (1999); संस्कृति सम्मान(2000)गिरिजा कुमार माथुर सम्मान(2000)हेमंत स्मृति सम्मान(2001) |
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| − | '''चाहता हूँ'''
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| − | बड़ी अजीब बात है
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| − | जहाँ नहीं होता
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| − | मैं वहीं सब कुछ पाना चाहता हूँ,
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| − | वहीं पाना चाहता हूँ
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| − | मैं अपने सवालों का जवाब
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| − | जहाँ लोग वर्षों से चुप हैं
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| − | चुप हैं कि
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| − | उन्हें बोलने नहीं दिया गया
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| − | चुप हैं कि
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| − | क्या होगा बोल कर
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| − | चुप हैं कि
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| − | वे चुप्पीवादी हैं,
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| − | मैं उन्हीं आँखों में
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| − | अपने को खोजता हूँ
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| − | जिनमें कोई भी आकृति
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| − | नहीं उभरती
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| − | मैं उन्हीं आवाजों में
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| − | चाहता हूँ अपना नाम
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| − | जिनमें नहीं रखता मायने
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| − | नामों का होना न होना,
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| − | मैं उन्ही का साथ चाहता हूँ
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| − | जो भूल जाते हैं
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| − | मिलने के ठीक बाद
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| − | कि कभी मिले थे किसी से।
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| − | बड़ी अजीब बात है
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| − | जहाँ नहीं होता
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| − | मैं वहीं सब कुछ पाना चाहता हूँ,
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| − | '''बो दूँ कविता'''
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| − | मैं चाहता हूँ
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| − | कि तुम मुझे ले लो
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| − | अपने भीतर
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| − | मैं ठंडा हो जाऊँ
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| − | और तुम्हें दे दूँ
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| − | अपनी सारी ऊर्जा
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| − | तुम मुजे कुछ
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| − | दो या न दो
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| − | युद्ध का आभास दो
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| − | अपने नाखून
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| − | अपने दाँत
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| − | धँसा दो मुझमें
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| − | छोड़ दो
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| − | अपनी साँस मेरे भीतर,
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| − | तुम मुझे तापो
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| − | तुम मुझे छुओ,
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| − | इतनी छूट दो कि
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| − | तुम्हारे बालों में
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| − | अँगुलियाँ फेर सकूँ
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| − | तोड़ सकूँ तुम्हारी अँगुलियाँ
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| − | नाप सकूँ तुम्हारी पीठ,
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| − | तुम मुझे
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| − | कुछ पल कुछ दिन की मुहलत दो
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| − | मैं तुम्हारे खेतों में
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| − | बो दूँ कविता
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| − | और खो जाऊँ
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| − | तुम्हारे जंगल में।
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| − | '''आएगा वह दिन'''
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| − | आएगा वह दिन भी
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| − | जब हम एक ही चूल्हे से
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| − | आग तापेंगे।
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| − | आएगा वह दिन भी
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| − | जब मेरा बुखार उतरता-चढ़ता रहेगा
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| − | और तुम छटपटाती रहोगी रात भर।
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| − | अभी यह पृथ्वी
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| − | हमारी तरह युवा है
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| − | अभी यह सूर्य महज तेईस-चौबीस साल का है
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| − | हमारी ही तरह,
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| − | इकतीस दिसंबर की गुनगुनी धूप की तरह
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| − | देर-सबेरे आएगा वह दिन भी
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| − | जब किलकारियों से भरा
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| − | हमारा घर होगा कहीं।
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17:53, 3 अक्टूबर 2007 का अवतरण
बोधिसत्व
जन्म: 11 दिसंबर 1968
मूल नाम --अखिलेश कुमार मिश्र
जन्म स्थान भदोही के गाँव भिखारी राम पुर,उत्तर प्रदेश (भारत)
कृतियाँ - सिर्फ कवि नहीं(1991)हम जो नदियों का संगम हैं(2000) दुख तंत्र(2004)सभी कविता संग्रह
चौथा कविता संग्रह हाल-चाल प्रकाशनाधीन
विविध भारतभूषण अग्रवाल सम्मान (1999); संस्कृति सम्मान(2000)गिरिजा कुमार माथुर सम्मान(2000)हेमंत स्मृति सम्मान(2001)