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"चुक गया दिन / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

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सामने था आर्द्र तारा नील,
 
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उमड़ आई असह तेरी याद !
 
उमड़ आई असह तेरी याद !
       हाय यह प्रति दिन पराजय दिन छिपे के बाद !       
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       हाय, यह प्रति दिन पराजय दिन छिपे के बाद !
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'''चम्पानेर (रेल में), 23 सितम्बर, 1939'''        
 
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20:40, 30 जुलाई 2012 का अवतरण

'चुक गया दिन'—एक लम्बी साँस
उठी, बनने मूक आशीर्वाद—
सामने था आर्द्र तारा नील,
उमड़ आई असह तेरी याद !
       हाय, यह प्रति दिन पराजय दिन छिपे के बाद !

चम्पानेर (रेल में), 23 सितम्बर, 1939