भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कोट में बाजू पर बटन / पवन करण" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पवन करण |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <Poem> ऐसा मै...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
 
उन्होंने नाक पर अपनी रगड़ बना दी
 
उन्होंने नाक पर अपनी रगड़ बना दी
  
जब मैंने जहाज पर काम करते
+
जब मैंने जहाज़ पर काम करते
 
उन बच्चों के बारे में पढ़ा मुझे लगा
 
उन बच्चों के बारे में पढ़ा मुझे लगा
 
में भी उन बच्चों में से बच्चा
 
में भी उन बच्चों में से बच्चा
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
 
लार्ड नेल्शन ने लगवा दिए बटन
 
लार्ड नेल्शन ने लगवा दिए बटन
 
बस इसलिए काम करते करते
 
बस इसलिए काम करते करते
पौंछ सकें वे नाक
+
पोंछ सकें वे नाक
 
कोट के बाजुओं से अपने
 
कोट के बाजुओं से अपने
  

16:56, 28 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण

ऐसा मैने भी करने की कोशिश की
जाड़े के दिनों में दो-चार बार
मगर हर बार ऐसा हुआ
कोट में बाजू पर बटन आ गए आड़े
उन्होंने नाक पर अपनी रगड़ बना दी

जब मैंने जहाज़ पर काम करते
उन बच्चों के बारे में पढ़ा मुझे लगा
में भी उन बच्चों में से बच्चा
कोई एक सफ़ाई करता वहाँ अब भी

जिनके कोट के बाजुओं पर
लार्ड नेल्शन ने लगवा दिए बटन
बस इसलिए काम करते करते
न पोंछ सकें वे नाक
कोट के बाजुओं से अपने

तब से अब तक कोट के दोनों तरफ़
बाजुओं पर यह बटन उनकी स्मृति में
कभी नाक से पानी आने पर अपनी
नजरें बचाकर सबकी या कर सकें तो
सामने सबके बटनों की
रूकावट के बावजूद पौंछ कर अपनी नाक
करें उन बच्चों को याद