भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पारदर्शी नील जल में / नामवर सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= नामवर सिंह }} पारदर्शी नील जल में सिहरते शैवाल चांद था...) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार= नामवर सिंह | |रचनाकार= नामवर सिंह | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatNavgeet}} | |
+ | <poem> | ||
पारदर्शी नील जल में सिहरते शैवाल | पारदर्शी नील जल में सिहरते शैवाल | ||
− | + | चाँद था, हम थे, हिला तुमने दिया भर ताल | |
− | + | क्या पता था, किन्तु, प्यासे को मिलेंगे आज | |
− | + | दूर ओठों से, दृगों में संपुटित दो नाल । | |
− | क्या पता था, | + | </poem> |
− | + | ||
− | दूर ओठों से, दृगों में संपुटित दो | + |
13:42, 15 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
पारदर्शी नील जल में सिहरते शैवाल
चाँद था, हम थे, हिला तुमने दिया भर ताल
क्या पता था, किन्तु, प्यासे को मिलेंगे आज
दूर ओठों से, दृगों में संपुटित दो नाल ।