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"शब्द / अचल वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
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आओ, इस शब्द को | आओ, इस शब्द को | ||
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09:11, 29 जून 2008 का अवतरण
हर शब्द
कहीं न कहीं
कुछ बोलता है
वह कभी आग
कभी काला धुआँ
कभी धुएँ का
अहसास होता है
आओ, इस शब्द को
जलती आग-सा जिएँ