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"सोच लेइयो / रूपसिंह राजपुरी" के अवतरणों में अंतर

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आस्था रो कोई भवन नी हुवै।
 
आस्था रो कोई भवन नी हुवै।
 
हिन्दु-मुस्लिम भाई-भाई हैं,
 
हिन्दु-मुस्लिम भाई-भाई हैं,

20:20, 16 अक्टूबर 2013 का अवतरण

मन्दिर-मस्जिद आस्था है,
आस्था रो कोई भवन नी हुवै।
हिन्दु-मुस्लिम भाई-भाई हैं,
आस्तीन रै सांप सो कोई दुश्मन नी हुवै।
जलती आग मैं घी गेरो तो, थोड़ो सोच लेईयो,
हर बार ओ काम हवन नीं हुवै।