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"काळजयी रचणा / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर

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07:37, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

बैठो हूं
ले‘र
कलम‘र कागद,
अडीकूं
विचारां नै
पण बै
मनमौजी
कोनी आवै
भाज‘र
जिंया आवै
गाय ठाण पर,
कठै जाऊं अबै,
ढलती सिंझ्या
रूलिंयाडां रै लार ?
कदास आसी
मोड़ा बैगा
तो कोनी लावै
बां रै अरथणियों
सबद,
बिना मिल्यां
सगला संजोग
रचीजणी दौरी
काळजयी रचणा !