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जन्म स्थान पूना के निकट एक गाँव में, महाराष्ट्र, भारत ।
 
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गोलपीठा (1972), मूर्ख म्हातार्‍याने डोंगर हलवले (1975), आमच्या इतिहासातील एक अपरिहार्य पात्र : प्रियदर्शिनी (1976), तुही यत्ता कंची (1981), खेळ (1983), गांडू बगीचा (1986), या सत्तेत जीव रमत नाही (1995), मी मारले सूर्याच्या रथाचे घोडे सात, तुझे बोट धरुन चाललो आहे आदि कुल ग्यारह कविता-संग्रह ।
 
गोलपीठा (1972), मूर्ख म्हातार्‍याने डोंगर हलवले (1975), आमच्या इतिहासातील एक अपरिहार्य पात्र : प्रियदर्शिनी (1976), तुही यत्ता कंची (1981), खेळ (1983), गांडू बगीचा (1986), या सत्तेत जीव रमत नाही (1995), मी मारले सूर्याच्या रथाचे घोडे सात, तुझे बोट धरुन चाललो आहे आदि कुल ग्यारह कविता-संग्रह ।
 
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दलित पैंथर आन्दोलन के संस्थापक (1972), बुद्ध रोहिदास विचार गौरव पुरस्कार (2009), साहित्य जीवन गौरव पुरस्कार (2004) और पद्मश्री पुरस्कार । कविताओं के अलावा नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं।  
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दलित पैंथर आन्दोलन के संस्थापक (1972), बुद्ध रोहिदास विचार गौरव पुरस्कार (2009), साहित्य जीवन गौरव पुरस्कार (2004) और पद्मश्री पुरस्कार । कविताओं के अलावा नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं।
*'''[[दलित साहित्य : नयी सदी की दहलीज पर शरणकुमार लिंबाले / नामदेव ढसाल|दलित साहित्य नामदेव ढसाल परिचय ]]'''
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12:02, 15 जनवरी 2014 के समय का अवतरण

जन्म

15 फ़रवरी 1949 मृत्यु 15 जनवरी 2014 जन्म स्थान पूना के निकट एक गाँव में, महाराष्ट्र, भारत ।

प्रमुख कृतियाँ

गोलपीठा (1972), मूर्ख म्हातार्‍याने डोंगर हलवले (1975), आमच्या इतिहासातील एक अपरिहार्य पात्र : प्रियदर्शिनी (1976), तुही यत्ता कंची (1981), खेळ (1983), गांडू बगीचा (1986), या सत्तेत जीव रमत नाही (1995), मी मारले सूर्याच्या रथाचे घोडे सात, तुझे बोट धरुन चाललो आहे आदि कुल ग्यारह कविता-संग्रह ।

विविध

दलित पैंथर आन्दोलन के संस्थापक (1972), बुद्ध रोहिदास विचार गौरव पुरस्कार (2009), साहित्य जीवन गौरव पुरस्कार (2004) और पद्मश्री पुरस्कार । कविताओं के अलावा नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं।