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पूरा करती है सफ़र
सि‍फ़ारि‍शों की रहनुमाई में
फि‍र कोई सि‍कंदर हो जाता है। है ।
फ़तह होती नहीं
मगर क़ाबि‍ज़ हो जाता है बहुत कुछ
कानाफूसी करती हुई हवाएँ
पूरज़ोर ताक़त जुटाते हुए
तबदील हो जाती है वारदातों में। में ।
वक्‍़त को एक नई तहरीर मि‍ल जाती है
सुना है
मसीहाई को ख़तरा है। है ।
फ़ेहरि‍स्‍त में फ़रि‍श्‍तों का नाम नहीं,
शर्मनाक दौर से गुज़रने वाले
हर नकाबपोश चेहरे का इश्‍तहार है
नीहत वाहि‍यात स्‍कीमों को इजाद करनेवालों का
इनामी ख़ुलासा है। है ।
देखा नहीं जाता उन तारों को
याद की जाती है झनकार
जि‍नसे पैदा होता है लाफ़ानी संगीत। संगीत ।
चाहे उलझकर
लहूलुहान हो गई हो उँगलि‍याँ
बढती हुई शि‍कायतों के शोर में
दमकल
आग का पता लगाते-लगाते गुम हो जाते हैं।हैं ।
कुछ तो आग जला देती है
और
जुट जाते हैं लोग
अपने लि‍ए - दूसरों के लि‍ए
या ...सबके लि‍ए!
1994-'95 ई0 </poem>