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"छूटे हुए संदर्भ / नवनीत पाण्डे" के अवतरणों में अंतर

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<poem>जहां पहुंच कर
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होंठ हो जाते हैं गूंगे
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|नाम=सच के आस-पास
आंखें अंधी और कान बहरे
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समझ,नासमझ
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|प्रकाशक= बोधि प्रकाशन, जयपुर
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अनमना
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पूरी हो जाती है हद
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संवेदन की इति से अथ तक
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लेखन की हर विधा से बाहर
+
 
जो नहीं बंधते किसी धर्म,संस्कार,
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* [[छूटे हुए संदर्भ (कविता) / नवनीत पाण्डे]]
समाज, देश, काल, वातावरण जाल में
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* [[ / नवनीत पाण्डे]]
नहीं बोलते कभी
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* [[ / नवनीत पाण्डे]]
किसी मंच, सभा, भीड़, एकांत,
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शांत-प्रशांत में
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भरे पड़े हैं
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जाने कहां-कहां इस जीवन में
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इसी जीवन के
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छूटे हुए संदर्भ  
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05:57, 28 फ़रवरी 2014 का अवतरण

सच के आस-पास
रचनाकार नवनीत पाण्डे
प्रकाशक बोधि प्रकाशन, जयपुर
वर्ष 2013
भाषा हिंदी
विषय कविता
विधा मुक्त छन्द
पृष्ठ
ISBN
विविध काव्य
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।