भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बाईस / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=कारो / ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=कारो / प्रमोद कुमार शर्मा
 
|संग्रह=कारो / प्रमोद कुमार शर्मा
 
}}
 
}}
{{KKCatGhazal}}
+
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatRajasthaniRachna}}
 
{{KKCatRajasthaniRachna}}
 
<poem>
 
<poem>

06:47, 4 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

के ठा
के करद्यै सबद
दो ओळ्यां रै बिचाळै
अमीं भरद्यै सबद
हूज्यै परगट इंदरधनख दांई

घट नैं करद्यै ऊजळ
पैदा करद्यै रिक्त स्थान नैं
जठै नूंवो सबद ऊगै
-नूंवै मिनख दांई
हूज्यै परगट इंदरधनख दांई।