भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चौबीस / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=कारो / ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=कारो / प्रमोद कुमार शर्मा
 
|संग्रह=कारो / प्रमोद कुमार शर्मा
 
}}
 
}}
{{KKCatGhazal}}
+
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatRajasthaniRachna}}
 
{{KKCatRajasthaniRachna}}
 
<poem>
 
<poem>
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
 
बां सूं कदास तो पूछो
 
बां सूं कदास तो पूछो
 
आगै रा समचार
 
आगै रा समचार
थे तो लेयÓर बैठग्या अखबार
+
थे तो लेय'र बैठग्या अखबार
  
 
धरती बणगी अेक बजार
 
धरती बणगी अेक बजार

06:47, 4 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

वै जका गया आगै
बां सूं कदास तो पूछो
आगै रा समचार
थे तो लेय'र बैठग्या अखबार

धरती बणगी अेक बजार
कारोबार ई कारोबार
कठै है
-प्यार?
सबद क्यूं हुयो
-उदास तो पूछो!
बां सूं कदास तो पूछो!