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सबद कदै कदास | सबद कदै कदास | ||
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-बणज्यै है कुत्तो। | -बणज्यै है कुत्तो। | ||
07:01, 4 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
सबद कदै कदास
देवण सींवां माथै पै'रो
-बणज्यै है कुत्तो।
जोर-जोर सूं भूंसै
झांझरकै पैली स्हैर मांय
Óक डूब ना जाइयो सबदां री नहर मांय
कोई इण ढाळ कै पाछा ना बावड़ो!
सूत्या कांई हो नींद मांय सूरज नैं नावड़ो
जको करै है सबद मांय तावड़ो
अर सिर पर अंधेरां रै
-मारै है जूतो!