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"बाणवै / प्रमोद कुमार शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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07:11, 4 जुलाई 2014 के समय का अवतरण

मां है तूं भाखा
-साखा
हूं म्हैं तो अेक तेरी पतळी-सी
गळी हुवै जियां कोई संकड़ी-सी
जठै अंधारघुप है
देखी मां!
अबकै स्याणा चुप है।