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"जागो प्यारे / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’" के अवतरणों में अंतर
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उठो लाल अब आँखें खोलो, | उठो लाल अब आँखें खोलो, | ||
− | पानी लाई हूँ, मुँह धो | + | पानी लाई हूँ, मुँह धो लो । |
बीती रात कमल-दल फूले, | बीती रात कमल-दल फूले, | ||
− | उनके ऊपर भौंरे | + | उनके ऊपर भौंरे झूले । |
चिड़ियाँ चहक उठी पेड़ों पर, | चिड़ियाँ चहक उठी पेड़ों पर, | ||
− | बहने लगी हवा अति | + | बहने लगी हवा अति सुन्दर । |
नभ में न्यारी लाली छाई, | नभ में न्यारी लाली छाई, | ||
− | धरती ने प्यारी छवि | + | धरती ने प्यारी छवि पाई । |
भोर हुआ सूरज उग आया, | भोर हुआ सूरज उग आया, | ||
− | जल में पड़ी सुनहरी | + | जल में पड़ी सुनहरी छाया । |
− | ऐसा | + | ऐसा सुन्दर समय न खोओ, |
− | मेरे प्यारे अब मत | + | मेरे प्यारे अब मत सोओ । |
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15:38, 23 जनवरी 2015 का अवतरण
उठो लाल अब आँखें खोलो,
पानी लाई हूँ, मुँह धो लो ।
बीती रात कमल-दल फूले,
उनके ऊपर भौंरे झूले ।
चिड़ियाँ चहक उठी पेड़ों पर,
बहने लगी हवा अति सुन्दर ।
नभ में न्यारी लाली छाई,
धरती ने प्यारी छवि पाई ।
भोर हुआ सूरज उग आया,
जल में पड़ी सुनहरी छाया ।
ऐसा सुन्दर समय न खोओ,
मेरे प्यारे अब मत सोओ ।