भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पंचायत चुणाव: कीं चितराम / निशान्त" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |संग्रह=धंवर पछै सूरज / नि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:49, 4 मई 2015 के समय का अवतरण

मेह अर धंवरआळै
खराब मौसम में
जद लागी
दस दिनां खातर
पंचायत-चुणाव में ड्यूटी

तो घबराया कर्मचारी
कई भाज्या कटावणै सारू ड्यूटी
कईयां ली इण नै
चुनौति रै रूप में
अर निकळ पड़्या
अजमाण सारू आप रै
डील री सगति

सगळी अबखायां झेलता
जद बै
घरां आया तो
भरोसै सूं भ‘र आया

झड़ीआळै ठण्डै मौसम में
कित्ती-कित्ती दूर सूं
आया लोग
करण नै पोल
अेकल गाभां में
रबड़आळी चपलां में
कित्तै हूंसलै सूं
बा लुगाई उम्मीदवार
करै ही
आपरै बूथ री
रूखाळी

कित्तो खुस होयो बो
बण‘र पंच
लोग बणै प्रधान, प्रमुख
सांसद-मंत्री
तो कांई हुयो
बो ई तो बण्यो हो आज
कीं न कीं।