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"झूठ रो पाठ / निशान्त" के अवतरणों में अंतर

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16:14, 4 मई 2015 के समय का अवतरण

लारलै दिनां
हुयौ पंचायती-चुणाव

पांच-च्यार
भाई-बेली
हुया खड़्या

सोच्यो-
किणनै करां निराज
किणनै राजी ?

ईं वास्तै
सगळां नै ई कैयो-
देस्यां

पछै आ बात गोखी
तो निगै आयो-
ओ क्यां रो चुणाव
ओ तो है
झूठ रो पाठ।