भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"थोड़ी जुगत / निशान्त" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |अनुवादक= |संग्रह=आसोज मा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:49, 9 मई 2015 के समय का अवतरण
जादा शरी गम नै
भूलण सारू
आओ ! कीं कम गम नै
याद करां
इयां कीं हळका हुवां
अर टेम नै
धकां ।