भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अलगाव / ओरहान वेली" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachna
+
{{KKRachna
 
|रचनाकार=ओरहान वेली
 
|रचनाकार=ओरहान वेली
 +
|अनुवादक=अनिल जनविजय
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}

13:30, 30 जून 2015 के समय का अवतरण

मैं नाव के पीछे खड़ा हूँ
और देख रहा हूँ
मैं पानी में कूद नहीं सकता
दुनिया बेहद ख़ूबसूरत है
मैं एक पुरुष हूँ आख़िर
मैं रो नहीं सकता

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय