भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सविभ्रम सस्मित नयन बंकिम... / कालिदास" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKAnooditRachna | {{KKAnooditRachna | ||
|रचनाकार=कालिदास | |रचनाकार=कालिदास | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह=ऋतुसंहार / कालिदास |
}} | }} | ||
[[Category:संस्कृत]] | [[Category:संस्कृत]] |
19:03, 29 जनवरी 2008 के समय का अवतरण
|
सविभ्रम सस्मित नयन बंकिम मनोहर जब चलातीं
प्रिय कटाक्षों से विलासिनी रूप प्रतिमा गढ़ जगातीं
प्रवासी उर में मदन का नवल संदीपन जगा कर
रात शशि के चारु भूषण से हृदय जैसे भुला कर
प्रिये आया ग्रीष्म खरतर!