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"तोरा मन दर्पण कहलाये / भजन" के अवतरणों में अंतर

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इस उजाले दर्पण पर प्राणी, धूल ना जमने पाए  
 
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जग से चाहे भाग ले कोई मन से भाग न पाये  
 
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तोरा मन दर्पण कहलाये ......

03:33, 10 फ़रवरी 2008 का अवतरण

तोरा मन दर्पण कहलाये

भले, बुरे सारे कर्मों को देखे और दिखाए


मन ही देवता मन ही इश्वर

मन से बड़ा न कोई

मन उजियारा ,जब जब फैले

जग उजियारा होए

इस उजाले दर्पण पर प्राणी, धूल ना जमने पाए

तोरा मन दर्पण कहलाये .......


सुख की कलियाँ, दुःख के कांटे

मन सब का आधार

मन से कोई बात छुपे न

मन के नैन हजार

जग से चाहे भाग ले कोई मन से भाग न पाये

तोरा मन दर्पण कहलाये ......