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"चैतावरि १ / शिव कुमार झा 'टिल्लू'" के अवतरणों में अंतर
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<poem>मास मधुर बिनु कंत हो रामा विरह अगिन भेल ! | <poem>मास मधुर बिनु कंत हो रामा विरह अगिन भेल ! | ||
− | + | कतेक दिवस धरि बाट निहारल | |
अविरल रैन वसंत हो रामा चान मलिन भेल ! | अविरल रैन वसंत हो रामा चान मलिन भेल ! | ||
सुनल मुरारी हेरथि राधा | सुनल मुरारी हेरथि राधा | ||
हमर दुखक नहि अंत हो रामा बैमान नलिन भेल ! | हमर दुखक नहि अंत हो रामा बैमान नलिन भेल ! | ||
टीसक टीस कही ककरा सँ | टीसक टीस कही ककरा सँ | ||
− | + | छोहक गणित दिगंत हो रामा प्राण महीन भेल | |
सहधर्मी नव दर्शन हेरथि | सहधर्मी नव दर्शन हेरथि | ||
एकसर गगन अनंत हो रामा शान तुहिन भेल ! | एकसर गगन अनंत हो रामा शान तुहिन भेल ! | ||
रंगपंचमी के काल लगीच अछि | रंगपंचमी के काल लगीच अछि | ||
कत' छथि रक्षक पंत हो रामा छान दुर्दिन भेल !</poem> | कत' छथि रक्षक पंत हो रामा छान दुर्दिन भेल !</poem> |
18:06, 19 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण
मास मधुर बिनु कंत हो रामा विरह अगिन भेल !
कतेक दिवस धरि बाट निहारल
अविरल रैन वसंत हो रामा चान मलिन भेल !
सुनल मुरारी हेरथि राधा
हमर दुखक नहि अंत हो रामा बैमान नलिन भेल !
टीसक टीस कही ककरा सँ
छोहक गणित दिगंत हो रामा प्राण महीन भेल
सहधर्मी नव दर्शन हेरथि
एकसर गगन अनंत हो रामा शान तुहिन भेल !
रंगपंचमी के काल लगीच अछि
कत' छथि रक्षक पंत हो रामा छान दुर्दिन भेल !