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"सफलता / प्रदीप मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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16:20, 2 जनवरी 2016 के समय का अवतरण

सफलता

सफल प्रेमी के पास
सबकुछ था
प्रेम नहीं

सफल संगीतकार के पास
सबकुछ था
संगीत नहीं

सफल नायक के पास
सबकुछ था
वे लोग नहीं
जिन्होंने बनाया था
उसे नायक

सफल राज़नीतिज्ञ के पास
सबकुछ था
नीति नहीं

केकड़े की संतान और सफलता
के बीच एक जुगलबंदी है
जिसके स्वर में जड़ें नहीं है
एक आकाश है जिसका रंग सफेद पड़ चुका है।