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"संभरी केॅ रहिय्हौ / डोमन साहु 'समीर'" के अवतरणों में अंतर

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डेगे-डेग उगली रहलोॅ छै जहर रहिय्हौ सँभरी केॅ  
 
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साँपोॅ के बिख तेॅ भ$ाड़ला पर भ$ड़ियो भी जाय पारै छै  
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आदमी के बिख चढ़लोॅ जाय छै उ$पर रहिय्हौ सँभरी केॅ  
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मुश्किल नै छै चिन्हार होवोॅ छोटकासिनी छुपलो सब के  
 
मुश्किल नै छै चिन्हार होवोॅ छोटकासिनी छुपलो सब के  

10:40, 12 जून 2016 के समय का अवतरण

आबेॅ आदमी होय गेलोॅ छै बिखधर रहिय्हौ सँभरी केॅ
डेगे-डेग उगली रहलोॅ छै जहर रहिय्हौ सँभरी केॅ

साँपोॅ के बिख तेॅ भ$ाड़ला पर झड़ियो भी जाय पारै छै
आदमी के बिख चढ़लोॅ जाय छै ऊपर रहिय्हौ सँभरी केॅ

मुश्किल नै छै चिन्हार होवोॅ छोटकासिनी छुपलो सब के
बड़कासिनी तेॅ ढ़ाहत रहै छै कहर रहिय्हौ सँभरी केॅ

रात के बात तेॅ चल्लोॅ जावेॅ दौ चूल्हा आ चक्की में
छनकलोॅ रहै छै मोॅन यहाँ हर पहर रहिय्हौ सँभरी केॅ

खुल्लोॅ जाय छै पोल आय सब बड़का-बड़का लोगोॅ के
ठामे-ठाम पसरी रहलोॅ छै खभर रहिय्हौ सँभरी केॅ

बात की करेॅ छोॅ आय तोहें है हज्जारोॅ-बज्जारोॅ केॅ
लाख-करोड़ो केॅ पीटै नै असर रहिय्हौ सँभरी केॅ

आग लगी रहलोॅ छै आबेॅ सब्भै के विश्वासोॅ पर
तिकड़म से भरलोॅ ही रहै छै डहर रहिय्हौ सँभरी केॅ