भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"लहेरियो / राजस्थानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरि...)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{KKGlobal}}
 +
{{KKLokRachna
 +
|रचनाकार=अज्ञात
 +
}}
 +
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
 +
|भाषा=राजस्थानी
 +
}}
 +
 
इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा
 
इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा
  

18:04, 13 जुलाई 2008 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा

म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा

म्हाने ल्याईदो नी बाईसा रा बीरा लहेरियो सा

म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा

म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा


म्हारा सुसराजी तो दिल्ली रा राजवी सा

म्हारा सासूजी तो गढ़ रा मालक सा

इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा

म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा

म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा


म्हारा जेठजी तो घर रा पाटवी सा

म्हारा जेठानी तो घर रा मालक सा

इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा

म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा

म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा


म्हारो देवरियो तो तारा बिचलो चंदो सा

महरी द्योरानी तो आभा माय्ली बीजळी सा

इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा

म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा

म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा


म्हारा सायब्जी तो दिल रा राजवी सा

म्हें तो सायब्जी रे मनडे री राणी सा

इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा

म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा

म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा

म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोला लहेरियो सा