गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
टहनी हरसिंगार के / शिवनन्दन 'सलिल'
3 bytes removed
,
20:21, 19 जून 2016
शेष समय जन के सेवा में
अर्पण हमरोॅ कर्म छिकै
देहोॅ के व्याधि
शत्राु
शत्रु
लेॅ हम सायक टंकार छेकौं ।
तीनों रंग तिरंगा के हम, सुन्दर हरसिंगार छेकौं ।
</poem>
Rahul Shivay
Mover, Protect, Reupload, Uploader
6,612
edits