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"गाँवोॅ के हवा / अचल भारती" के अवतरणों में अंतर
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− | + | आरू स्मृति रोॅ संझौती झुरमुट | |
− | + | लोरैलोॅ नजर खोजै छै | |
− | + | गाँव, बचपन, गलबाँही | |
− | + | ऊ पातरोॅ रं नदी | |
− | + | जै में हमरी माय के आँचल | |
− | + | खिलखिल करै | |
− | + | कनियाँ नाँखी घोघोॅ रोॅ बीचोॅ सें | |
− | + | झाँकतेॅ ओकरोॅ गोल-गोल चेहरा | |
− | + | लोर, तेज, ममता आरू झिड़की में | |
− | + | बनौटीपन नै छेलै | |
− | + | मजकि बेबसी में | |
− | आरो | + | नागफनी रं लागै कांछा । |
− | + | चैखटी पर राखलोॅ दीया में | |
+ | जबेॅ-जबेॅ वैं झाँकै | ||
+ | दिखै ओकरोॅ झुर्री | ||
+ | थकचुरुओॅ, मायूस आरो उदास नजर | ||
+ | जेकरोॅ मानी | ||
+ | कोय्यो मानी नै छेलै । | ||
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02:40, 22 जून 2016 का अवतरण
घन्नोॅ धुंध छै
आरू स्मृति रोॅ संझौती झुरमुट
लोरैलोॅ नजर खोजै छै
गाँव, बचपन, गलबाँही
ऊ पातरोॅ रं नदी
जै में हमरी माय के आँचल
खिलखिल करै
कनियाँ नाँखी घोघोॅ रोॅ बीचोॅ सें
झाँकतेॅ ओकरोॅ गोल-गोल चेहरा
लोर, तेज, ममता आरू झिड़की में
बनौटीपन नै छेलै
मजकि बेबसी में
नागफनी रं लागै कांछा ।
चैखटी पर राखलोॅ दीया में
जबेॅ-जबेॅ वैं झाँकै
दिखै ओकरोॅ झुर्री
थकचुरुओॅ, मायूस आरो उदास नजर
जेकरोॅ मानी
कोय्यो मानी नै छेलै ।