भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"धारा / बलबीर माधोपुरी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKAnooditRachna | {{KKAnooditRachna | ||
|रचनाकार=पंजाबी के कवि | |रचनाकार=पंजाबी के कवि | ||
− | |संग्रह=आज की पंजाबी कविता / | + | |संग्रह=आज की पंजाबी कविता / सम्पादक-सुभाष नीरव |
}} | }} | ||
[[Category:पंजाबी भाषा]] | [[Category:पंजाबी भाषा]] |
11:30, 25 मई 2008 के समय का अवतरण
|
सोचता हूँ-
अचानक आए तूफान में
टूटे-गिरे पौधे को देखकर
करीब खड़े पुराने दरख़्तों पर
क्या–क्या न बीती होगी।
और याद आता है
दरख़्तों का जीवट
अपने आप ही फिर
कदमों में आ जती है फुर्ती
मुरझाये मन का परिन्दा
फिर से भरने लगता है
ऊँची उड़ाने।