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Kavita Kosh से
लेकिन मैंने कभी जन्म का मज़ाक नहीं उड़ाया
मृत्यु को तो मैंने सदा बड़े आदर के साथ देखा
मैंने कुछ राजनीतिक और सांस्कृतिक भविष्यवाणियां भविष्यवाणियाँ भी की थीं
जिन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया ।
1991
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