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+ | * [[दिल को जहान भर के मुहब्बत में गम़ मिले / राजेंद्र नाथ 'रहबर']] | ||
+ | * [[तेरे ख़ुश्बू में बसे ख़त / राजेंद्र नाथ रहबर]] |
20:16, 15 दिसम्बर 2016 का अवतरण
याद आऊँगा
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रचनाकार | राजेंद्र नाथ 'रहबर' |
---|---|
प्रकाशक | दर्पन पुब्लिकेशनज, पठानकोट, पंजाब 145001 |
वर्ष | 2008 |
भाषा | हिंदी |
विषय | ग़ज़ल संग्रह |
विधा | ग़ज़ल |
पृष्ठ | 152 |
ISBN | |
विविध |
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रचनाएँ
- आईना सामने रक्खोगे तो याद आऊँगा / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- मेरे ख़याल-सा है, मेरे ख़्वाब जैसा है / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- तुम जन्नते कश्मीर हो तुम ताज महल हो / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- दिल ने जिसे चाहा हो क्या उस से गिला रखना / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- फर्क है तुझमें, मुझमें बस इतना / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- दिल को जहान भर के मुहब्बत में गम़ मिले / राजेंद्र नाथ 'रहबर'
- तेरे ख़ुश्बू में बसे ख़त / राजेंद्र नाथ रहबर