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"गळगचिया (9) / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर
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+ | बीच में ही मींड़को टर टर कर’र बोल्यो - गैली, अपणायत हुवै जका नूंतै नै को अड़ीकै नीं! | ||
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15:36, 4 मार्च 2017 के समय का अवतरण
तिरियां मिरियां भरी तलाई रै दूबड़ी आ’र गळबाथ घाल ली।
लैरां चिड़’र बोली - तन्नै कुण नूंती ही?
बीच में ही मींड़को टर टर कर’र बोल्यो - गैली, अपणायत हुवै जका नूंतै नै को अड़ीकै नीं!