भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"रक्तमुख / जानकीवल्लभ शास्त्री" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: कुपथ कुपथ रथ दौड़ाता जो पथ निर्देशक वह है, लाज लजाती जिसकी कृति से धृति ...)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{KKGlobal}}
 +
{{KKRachna
 +
|रचनाकार=जानकीबल्लभ शास्त्री
 +
}}
  
 
कुपथ कुपथ रथ दौड़ाता जो
 
कुपथ कुपथ रथ दौड़ाता जो

18:19, 16 मई 2008 का अवतरण

कुपथ कुपथ रथ दौड़ाता जो

पथ निर्देशक वह है,

लाज लजाती जिसकी कृति से

धृति उपदेश वह है,

मूर्त दंभ गढ़ने उठता है

शील विनय परिभाषा,

मृत्यू रक्तमुख से देता

जन को जीवन की आशा,

जनता धरती पर बैठी है

नभ में मंच खड़ा है,

जो जितना है दूर मही से

उतना वही बड़ा है.