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"एक पुष्पवीजको आह्वान / सुमन पोखरेल" के अवतरणों में अंतर
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14:45, 15 मार्च 2017 के समय का अवतरण
स्वार्थ ओढेर नाच्ने यस दुनियाँमा
मलार्इ कोपिला बन्न नदेऊ
बन्न नदेऊ मलार्इ फूल।
मलार्इ जर्जर पारेर फ्याँकिदेऊ
ढुङ्ग्यानहरूमा मिल्क्याइदेऊ
मरुभूमिमा छोडिदेऊ।
पानीको अनुहारसम्म पनि नदेखियोस् सपनामा समेत
हावाले मतिर फर्केरै नहेरोस्
बरु, सक्छ भने पोलोस् घामले रातभरि पनि
र डढाओस् मेरा सम्पूर्ण संवेदनशीलता
भत्काओस् मबाट सुकोमल निर्मितिका सबै अवयवहरू।
उम्रनेछु म त्यहीँ
काँढैकाँढा बोकेर
एउटा क्याक्टस भएर।