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"करता उसे बेकरार कुछ देर / नासिर काज़मी" के अवतरणों में अंतर
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19:08, 3 जून 2008 का अवतरण
करता उसे बेकरार कुछ देर
होता अगर इख्तियार कुछ देर
क्या रोयें फ़रेब-ए-आसमाँ को
अपना नहीं ऐतबार कुछ देर
आँखों में कटी पहाड़ सी रात
सो जा दिल-ए-बेक़रार कुछ देर
ऐ शहर-ए-तरब को जाने वालों
करना मेरा इन्तजार कुछ देर
बेकैफी-ए-रोज़-ओ-शब मुसलसल
सरमस्ती-ए-इन्तेज़ार कुछ देर
तकलीफ-ए-गम-ए-फिराक दायम
तकरीब-ए-विसाल-ए-यार कुछ देर
ये गुनचा-ओ-गुल हैं सब मुसाफिर
है काफिला-ए-बहार कुछ देर
दुनिया को सदा रहेगी नासिर
हम लोग हैं यादगार कुछ देर