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"क्षणिकाएँ / अमन चाँदपुरी" के अवतरणों में अंतर

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परिवारोॅ लेली  
 
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कुछ लोग
 
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बेची दे छै  
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आँखोॅ के नींद
 
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मनोॅ के चैन।
 
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22:27, 23 मई 2017 का अवतरण

बोरसी

पुसोॅ मेॅ
कोहोॅ के आगू
रात भर
डरी-डरी जलै छै बोरसी
सोची केॅ
सब केॅ जाड़ोॅ सेॅ बचौइयै
कि खुद केॅ ।

परिवार

परिवारोॅ लेली
कुछ लोग
बेची दै छै
आँखोॅ के नींद
मनोॅ के चैन।