"इच्छाको भूमिमा / खुमनारायण पौडेल" के अवतरणों में अंतर
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− | + | उर्वर र मोहनीलाग्दो | |
− | + | इच्छाको भूमि मैले पाएको छु | |
− | + | अनन्त सपनाहरू रोप्न | |
− | + | सपनाहरू रच्दै | |
− | + | सपनाहरू रोप्दै | |
− | + | सपनाहरू गोडमेल गर्दै | |
− | + | सपनाहरू हुर्काउने चिन्ता गर्दै | |
− | + | र, सपनाहरू बाँच्दै | |
− | + | यहाँसम्म आएको छु | |
− | + | कहिले एकान्तको पोखरीमा पौडी खेल्नु | |
− | + | कहिले निस्पृहताको अनन्त जङ्गलमा घुमिरहनु | |
− | + | कहिले विरानोको एउटा महासागर नजिक | |
− | + | बसिरहनु र त्यसमा उठेका इच्छाका छालहरू | |
− | + | गगन छर्दै उर्लिरहेको हेरिरहनु | |
− | + | नैयन्र्तको खातैखात लागेको छ | |
− | + | मलाई सपनाहरू रोप्ने मात लागेको छ | |
− | + | सपनाहरू रोपिनका लागि रचिएका हुन् | |
− | + | सपनाहरू हुर्किनका लागि जन्मिएका हुन् | |
− | + | सपनापछि अर्को सपना देख्दै जाँदा | |
− | + | असीमित सपनाहरू ओझेलमा पनि परेका छन् | |
− | + | तिनीहरूले बनाएका छन् मलाई | |
− | + | सपना देख्ने एउटा दुरूह मेसिन | |
− | + | तैपनि थाक्दैनन् सपनाहरू उम्रिन | |
− | + | निरन्तरताको एउटा आदिम नदीछेउ | |
− | + | इच्छाको भूमिमा उभिएर | |
− | + | रोप्दै हिँडिरहेछ दिगन्ततिर | |
− | + | प्रिय मेरा सपनाहरू ! | |
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19:42, 28 मई 2017 के समय का अवतरण
अनन्तसम्म फैलिएको
क्षितिजको अर्को छेउबाट अझै परपरसम्म
तिरोहित हुँदै गएको
उर्वर र मोहनीलाग्दो
इच्छाको भूमि मैले पाएको छु
अनन्त सपनाहरू रोप्न
सपनाहरू रच्दै
सपनाहरू रोप्दै
सपनाहरू गोडमेल गर्दै
सपनाहरू हुर्काउने चिन्ता गर्दै
र, सपनाहरू बाँच्दै
यहाँसम्म आएको छु
कहिले एकान्तको पोखरीमा पौडी खेल्नु
कहिले निस्पृहताको अनन्त जङ्गलमा घुमिरहनु
कहिले विरानोको एउटा महासागर नजिक
बसिरहनु र त्यसमा उठेका इच्छाका छालहरू
गगन छर्दै उर्लिरहेको हेरिरहनु
नैयन्र्तको खातैखात लागेको छ
मलाई सपनाहरू रोप्ने मात लागेको छ
सपनाहरू रोपिनका लागि रचिएका हुन्
सपनाहरू हुर्किनका लागि जन्मिएका हुन्
सपनापछि अर्को सपना देख्दै जाँदा
असीमित सपनाहरू ओझेलमा पनि परेका छन्
तिनीहरूले बनाएका छन् मलाई
सपना देख्ने एउटा दुरूह मेसिन
तैपनि थाक्दैनन् सपनाहरू उम्रिन
निरन्तरताको एउटा आदिम नदीछेउ
इच्छाको भूमिमा उभिएर
रोप्दै हिँडिरहेछ दिगन्ततिर
प्रिय मेरा सपनाहरू !