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"हवा आओगी / रामनरेश पाठक" के अवतरणों में अंतर

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13:47, 4 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

हवा आओगी
बाहों में ?
अव सिमटोगी
प्राणों में ?
गीत स्वर में
सध जाओगे ?
मीत मरू से
लग पाओगे ?
छाँव सूरज को
चूमेगी ?
नाव झंझा से
खेलोगी ?
धरती नभ को भी छू लोगी, जकड़ोगी ?
परती श्रम को भी सोखोगी ?
नहीं, !
नहीं. !!
नहीं. !!!