भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"राम सेवक / अनवर ईरज" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनवर ईरज }} यक़ीन जानो तुम राम सेवक नहीं थे जब तो ऎसे न...) |
छो (हिज्जे) |
||
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
राम सेवक नहीं थे जब | राम सेवक नहीं थे जब | ||
− | तो | + | तो ऐसे नहीं थे |
राम सेवा तो नफ़रत | राम सेवा तो नफ़रत |
09:24, 29 जून 2008 का अवतरण
यक़ीन जानो
तुम
राम सेवक नहीं थे जब
तो ऐसे नहीं थे
राम सेवा तो नफ़रत
बढ़ाती नहीं
राम सेवा तो हत्या
कराती नहीं
राम सेवा
दरिंदा बनाती नहीं
तेरा
राम सेवक का दावा
बहुत खोखला है
ओ
रावण के सैनिक
मुखौटा हटाओ
ज़माने को अपना मकरूह
चेहरा दिखाओ