भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पियारो कलम / मनीष कुमार गुंज" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= मनीष कुमार गुंज |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार= मनीष कुमार गुंज | |रचनाकार= मनीष कुमार गुंज | ||
|अनुवादक= | |अनुवादक= | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह=नयकी गंगा / मनीष कुमार गुंज |
}} | }} | ||
{{KKCatAngikaRachna}} | {{KKCatAngikaRachna}} |
05:27, 18 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
हमरोॅ पियारो-पियारो कलम
चलै छै जादे रूकै छै कम।
रंग-विरंगा, ललका हरका
कोय नै छोटो, सभ्भे बड़का
दुनियां के एकरा पर नाज
सब छाती पर एकरो राज
राम-रहीम लिखों या बम
हमरोॅ पियारो-पियारो कलम।
सब एकरोॅ सम्मान करै छै
सब एकरॉे गुणगान करै छै
एकरोॅ विना कहाँ कल्याण
यहाँ कराबै साँझ-विहान
एकरा में दुनिया के दम
हमरोॅ पियारो-पियारो कलम
चलै छै जादे रूकै छै कम।