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मेरे मादक!
 खोए-खोए से रहना। रहना
गम गुस्सा विरह की
तपन से भस्म ना होकर, कुंदन-सा निखरना। निखरनासमंदर से गहरे आंखों में, चोट, जख्म के सारे दर्द समेट, चुपचाप सहना। सहनासब याद है मुझे। मुझेतेरे प्रवाह को रुद्ध कर, बदबू पैदा करने के सारे प्रयास के बीचो-बीच, खुद के निरंतर प्रयास से, स्वयं को संयत रखना। रखना
मुझे संभालना, सहेजना
और खुद को सजीव बनाए रखना। रखनायह भी याद है। हैसबकी निगाह से बचकर, अपने धर्म का निर्वाह करना। करनामुझ से लिपट कर रोना। रोनाअपने गंध से मुझे सराबोर करना। करना
पाप-पुण्य के मध्य बारीक रेखा को
स्वयं पहचाना, मुझे भी इसका भान कराना। करानाकैसे कहूँ, तुम धैर्य की सच्ची मूर्ति, मेरे चरित्र की ऊंचाई का मानक हो। हो तुम ही मेरा आलम्ब हो। हो
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