"हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै / राजेराम भारद्वाज" के अवतरणों में अंतर
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− | हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै, | + | "'हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै,''' |
− | हाथ जोड़ले के नही माफ, कसूर भी होज्याया करै ।। टेक ।। | + | '''हाथ जोड़ले के नही माफ, कसूर भी होज्याया करै ।। टेक ।।''' |
बसज्या पाट कुटम्ब तै न्यारा, आदमी का रहै ओड़ै भाईचारा, | बसज्या पाट कुटम्ब तै न्यारा, आदमी का रहै ओड़ै भाईचारा, |
23:51, 23 मई 2018 का अवतरण
(3)
सांग:– शकुंतल-दुष्यंत (अनुक्रमांक-18)
"'हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै,
हाथ जोड़ले के नही माफ, कसूर भी होज्याया करै ।। टेक ।।
बसज्या पाट कुटम्ब तै न्यारा, आदमी का रहै ओड़ै भाईचारा,
मेल करे तै दुश्मन प्यारा, हजुर भी होज्याया करै,
24 घंटे पास रहणीयां, दूर भी होज्याया करै।।
गुंठी पागी पड़ी थी जल मै, शकुन्तला याद करी मनै दिल मै,
मर्द अनाड़ी अकल मै, भरपूर भी होज्याया करै,
मन का महल ज्ञान अंकुश तै, चूर भी होज्याया करै ।।
माफ कर गलती नहीं पिछाणी, चाल बण हस्तिनापुर की राणी,
राजघरां मै इसी निमाणी, हूर भी होज्याया करै,
नई बहूं नै सास नणंद की, घूर भी होज्याया करै ।।
राजेराम लुहारी आला, रटता रहिए मात ज्वाला,
मांगेराम गुरू की ढाला, मशहुर भी होज्याया करै,
सिख्या सांग आशकी मै, कोए मगरूर भी होज्याया करै ।।