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"ऊँचे-बड़े नीलामघरों में / गुन्नार एकिलोफ़" के अवतरणों में अंतर
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16:13, 13 फ़रवरी 2019 के समय का अवतरण
ऊँचे बड़े नीलामघरों में
इस्फ़हान के बाज़ार में
एक हज़ार और एक शरीर
एक हज़ार और एक आत्माएँ
रखी गईं नीलामी के लिए दासों की मानिन्द
आत्माएँ थीं मानो स्त्रियाँ
शरीर मानो पुरुष
और व्यापारी थे ख़ुशनसीब
विदग्धता के चलते ख़ूब मालामाल
जिसने तलाश ही ली शुरूआत के लिए
एक अदद आत्मा और एक अदद देह
जो खाते थे मेल और कर सकते थे
मैथुन ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुधीर सक्सेना