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"ग़ज़ल / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर
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− | + | नहइर में सब झूठा हमर पिया। | |
− | + | हमरा ले तूँ अनूठा हमर पिया।। | |
− | + | बाप-महतारी गोइठा ठोकबाबे। | |
− | + | बाँधल ही हम ई खूँटा हमर पिया।। नइहर .... | |
− | + | बाप-महतारी भैंसी चरवाबे। | |
− | + | जिनगी बदल हे ठूँठा हमर पिया।। नइहर .... | |
− | + | हमरा ले त तूँहीं सुंदर सजनमा। | |
− | + | बाकी काला-कलूटा हमर पिया।। नइहर .... | |
− | + | गउना करा के तूँ हमरा ले जा। | |
− | + | हम उठइबो तोर जूठा हमर पिया।। नइहर .... | |
− | + | हमरा तूँ अकवारी में भर लऽ। | |
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01:38, 11 मार्च 2019 का अवतरण
नहइर में सब झूठा हमर पिया।
हमरा ले तूँ अनूठा हमर पिया।।
बाप-महतारी गोइठा ठोकबाबे।
बाँधल ही हम ई खूँटा हमर पिया।। नइहर ....
बाप-महतारी भैंसी चरवाबे।
जिनगी बदल हे ठूँठा हमर पिया।। नइहर ....
हमरा ले त तूँहीं सुंदर सजनमा।
बाकी काला-कलूटा हमर पिया।। नइहर ....
गउना करा के तूँ हमरा ले जा।
हम उठइबो तोर जूठा हमर पिया।। नइहर ....
हमरा तूँ अकवारी में भर लऽ।
हमरा से न´् रूठऽ हमार पिया।। नइहर .....