भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कल के नञ् / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उमेश बहादुरपुरी |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 19: पंक्ति 19:
 
आबऽ लेले प्यार में परोसा पर परोसा
 
आबऽ लेले प्यार में परोसा पर परोसा
 
कल के .....
 
कल के .....
 +
 
कइसे होतइ रानी बोलऽ हम्मर-तोहर संगम
 
कइसे होतइ रानी बोलऽ हम्मर-तोहर संगम
 
बजतै तोहर दिल में कब प्यार के सरगम
 
बजतै तोहर दिल में कब प्यार के सरगम

11:22, 14 मार्च 2019 के समय का अवतरण

कल के नञ् भरोसा हे पल के नञ् भरोसा
आबऽ आझ खइबइ मिलके प्यार के समोसा
जे करे के हे आझ कर लऽ मिलके प्यार कर लऽ
मिटाबऽ बीच के दूरी आबऽ इकरार कर लऽ
आबऽ खइबइ हम तूँ मिलके मसाला-डोसा
कल के .....

कभी लैला इहाँ प्यार मजनूँ से कइलक हल
हीर-राँझा जइसन जुगनूँ से कइलक हल
आबऽ लेले प्यार में परोसा पर परोसा
कल के .....

कइसे होतइ रानी बोलऽ हम्मर-तोहर संगम
बजतै तोहर दिल में कब प्यार के सरगम
लगा दऽ हमर गाल पर बोसे पर बोसा
कल के ...