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23:48, 29 अप्रैल 2019 के समय का अवतरण
कोई कहानी कोई वाक़िआ सुना तो सही
अगर हंसा नहीं सकता मुझे रुला तो सही
किसी के हिज्र का छल्ला किसी विसाल की छाप
बिछड़ के मुझ से तुझे क्या मिला दिखा तो सही
कभी बुला तो सही अपने आस्ताने पर
मुझे भी अपना कोई मोजज़ा दिखा तो सही
मैं ख़ूद से छुप के तुझे प्यार करने आऊँगा
तू एक बार मुझे भूल कर बुला तो सही
किसे ख़बर यहीं तेरा शिकार हो 'जावेद'
तू चन्द तीर अन्धेरे में ही चला तो सही