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"ख़तरे / वेणु गोपाल" के अवतरणों में अंतर

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ख़तरे पारदर्शी होते हैं।
 
ख़तरे पारदर्शी होते हैं।
 
 
ख़ूबसूरत।
 
ख़ूबसूरत।
 
 
अपने पार भविष्य दिखाते हुए।
 
अपने पार भविष्य दिखाते हुए।
 
  
 
जैसे छोटे से गुदाज बदन वाली बच्ची
 
जैसे छोटे से गुदाज बदन वाली बच्ची
 
 
किसी जंगली जानवर का मुखौटा लगाए
 
किसी जंगली जानवर का मुखौटा लगाए
 
 
धम्म से आ कूदे हमारे आगे
 
धम्म से आ कूदे हमारे आगे
 
 
और हम डरें नहीं। बल्कि देख लें
 
और हम डरें नहीं। बल्कि देख लें
 
 
उसके बचपन के पार
 
उसके बचपन के पार
 
 
एक जवान खुशी
 
एक जवान खुशी
 
  
 
और गोद में उठा लें उसे।
 
और गोद में उठा लें उसे।
 
 
ऐसे ही कुछ होते हैं ख़तरे।
 
ऐसे ही कुछ होते हैं ख़तरे।
 
 
अगर डरें तो ख़तरे और अगर
 
अगर डरें तो ख़तरे और अगर
 
 
नहीं तो भविष्य दिखाते
 
नहीं तो भविष्य दिखाते
 
 
रंगीन पारदर्शी शीशे के टुकड़े।
 
रंगीन पारदर्शी शीशे के टुकड़े।

22:37, 3 सितम्बर 2008 का अवतरण


ख़तरे पारदर्शी होते हैं।
ख़ूबसूरत।
अपने पार भविष्य दिखाते हुए।

जैसे छोटे से गुदाज बदन वाली बच्ची
किसी जंगली जानवर का मुखौटा लगाए
धम्म से आ कूदे हमारे आगे
और हम डरें नहीं। बल्कि देख लें
उसके बचपन के पार
एक जवान खुशी

और गोद में उठा लें उसे।
ऐसे ही कुछ होते हैं ख़तरे।
अगर डरें तो ख़तरे और अगर
नहीं तो भविष्य दिखाते
रंगीन पारदर्शी शीशे के टुकड़े।